कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल है, जो नीम करोली बाबा के आश्रम के रूप में विश्वभर में जाना जाता है। यह स्थान न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि प्रकृति की गोद में बसा एक शांत और सुंदर स्थल भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु कैंची धाम में नीम करोली बाबा के दर्शन और आशीर्वाद लेने आते हैं। इस ब्लॉग में हम कैंची धाम, नीम करोली बाबा, कैंची धाम फाउंडेशन डे, कैंची धाम शटल सेवा, और कैंची धाम कैसे पहुंचे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
नीम करोली बाबा, जिन्हें नीब करौरी बाबा या महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है, एक महान संत और हनुमान जी के परम भक्त थे। भक्तों का मानना है कि वे हनुमान जी के अवतार थे। उनका जन्म सन 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था, और उनका बचपन का नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। कहा जाता है कि 17 साल की उम्र में ही उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी।
नीम करोली बाबा ने सादगी भरा जीवन जिया और अपनी शिक्षाओं और चमत्कारों के माध्यम से लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके भक्तों में न केवल आम लोग, बल्कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स, और भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली जैसी हस्तियां भी शामिल हैं। बाबा ने 1964 में कैंची धाम आश्रम की स्थापना की, जो आज भी उनके अनुयायियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है।
कैंची धाम उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल से लगभग 17-19 किलोमीटर दूर अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है। इस स्थान का नाम इसकी भौगोलिक संरचना के कारण पड़ा, जो कैंची के आकार जैसी दिखती है। यह आश्रम हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा है, जो इसे एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक माहौल प्रदान करता है।
कैंची धाम में नीम करोली बाबा द्वारा स्थापित हनुमान मंदिर मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा, आश्रम में भगवान राम, भगवान शिव, और देवी दुर्गा के मंदिर भी हैं। भक्तों का मानना है कि यहां दर्शन करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता।
कैंची धाम फाउंडेशन डे हर साल 15 जून को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 1964 में नीम करोली बाबा ने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी। इस दिन को प्रतिष्ठा महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।
कैंची धाम फाउंडेशन डे के अवसर पर एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस दिन आश्रम में भंडारे का आयोजन होता है, और मान्यता है कि नीम करोली बाबा स्वयं इस भंडारे की देखरेख करते हैं, जिससे भोजन की कभी कमी नहीं होती। भक्त मालपुए का भोग लगाते हैं, और मथुरा से आए कारीगर इस भोग को तैयार करते हैं।
कैंची धाम कैसे पहुंचे यह सवाल उन भक्तों के मन में अक्सर आता है जो इस पवित्र स्थल की यात्रा करना चाहते हैं। कैंची धाम पहुंचना काफी आसान है, और यह उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से सड़क, रेल, और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नीचे हम विभिन्न मार्गों की जानकारी दे रहे हैं:
कैंची धाम नैनीताल से लगभग 17-19 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 324 किलोमीटर है, और इसे बस, टैक्सी, या निजी वाहन से तय किया जा सकता है।
दिल्ली के कश्मीरी गेट से नैनीताल के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं, जिनका किराया लगभग 450-800 रुपये है। नैनीताल बस स्टैंड से टैक्सी या कैब लेकर कैंची धाम पहुंचा जा सकता है।
कैंची धाम शटल सेवा: कैंची धाम फाउंडेशन डे जैसे विशेष अवसरों पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा कैंची धाम शटल सेवा चलाई जाती है। यह सेवा हल्द्वानी और काठगोदाम से शुरू होती है, और श्रद्धालुओं को बिना जाम के आश्रम तक पहुंचाती है।
कैंची धाम का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो आश्रम से लगभग 38 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से काठगोदाम के लिए कई ट्रेनें उपलब्ध हैं, और यह यात्रा 6-8 घंटे में पूरी हो सकती है। काठगोदाम से टैक्सी या बस लेकर कैंची धाम पहुंचा जा सकता है।
कैंची धाम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो लगभग 70 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी या बस के माध्यम से आश्रम तक पहुंचा जा सकता है। हालांकि, हवाई यात्रा महंगी हो सकती है, इसलिए सड़क या रेल मार्ग अधिक किफायती हैं।
कैंची धाम घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है, जब मौसम सुहावना रहता है। मानसून (जुलाई-अगस्त) में भूस्खलन के कारण यात्रा से बचना चाहिए।
कैंची धाम शटल सेवा विशेष रूप से कैंची धाम फाउंडेशन डे जैसे अवसरों पर शुरू की जाती है, जब लाखों श्रद्धालु आश्रम पहुंचते हैं। यह सेवा हल्द्वानी और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से संचालित होती है। जिला प्रशासन द्वारा 100 से अधिक वाहनों का इंतजाम किया जाता है ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के कैंची धाम पहुंच सकें। इस सेवा का उद्देश्य ट्रैफिक जाम से बचाना और यात्रा को सुगम बनाना है।
कैंची धाम में न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है, बल्कि आसपास की प्राकृतिक सुंदरता भी आकर्षित करती है। यहाँ कुछ गतिविधियाँ और स्थान हैं जो आपकी यात्रा को और यादगार बनाएंगे:
हनुमान मंदिर दर्शन: कैंची धाम का मुख्य आकर्षण हनुमान मंदिर है, जहां नीम करोली बाबा की समाधि भी स्थापित है।
सत्संग में भाग लें: आश्रम में निवासी भिक्षुओं द्वारा आयोजित सत्संग में शामिल होकर आध्यात्मिक शांति प्राप्त करें।
प्रसाद और पवित्र मिट्टी: कैंची धाम से चने और हलवे का प्रसाद और पवित्र मिट्टी घर ले जाएं। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
आसपास के पर्यटक स्थल: कैंची धाम से 20 किलोमीटर दूर नैनीताल, भीमताल, रानीखेत, और नैना देवी मंदिर जैसे स्थान घूमे जा सकते हैं।
नीम करोली बाबा की शिक्षाएं सरलता, भक्ति, और सेवा पर आधारित थीं। उनकी एक प्रसिद्ध कहानी में बताया जाता है कि एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी हो गई थी, लेकिन बाबा के आशीर्वाद से पानी घी में बदल गया। ऐसी कई चमत्कारी कहानियां उनकी आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाती हैं।
बाबा के भक्त उनकी तस्वीर घर में रखने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कैंची धाम से उनकी तस्वीर लाना शुभ माना जाता है।
कैंची धाम और आसपास के क्षेत्रों में ठहरने के कई विकल्प उपलब्ध हैं:
कुमाऊं मंडल विकास निगम का टूरिस्ट रेस्ट हाउस: भवाली-भीमताल रोड पर स्थित, जहां आधुनिक सुविधाओं के साथ कमरे 1250 रुपये से शुरू होते हैं।
नैनीताल यूथ हॉस्टल: नैनीताल में 150 रुपये में डॉरमेट्री और 1500-2000 रुपये में लग्जरी कॉटेज उपलब्ध हैं।
लाला परमा शिवलाल दुर्गा शाह धर्मशाला: तल्लीताल, नैनीताल में सस्ते दामों पर कमरे उपलब्ध हैं।
भारी भीड़ के कारण कैंची धाम फाउंडेशन डे पर पहले से बुकिंग करें।
मानसून में यात्रा से बचें, क्योंकि भूस्खलन का खतरा रहता है।
आश्रम में शांति बनाए रखें और फोटोग्राफी से बचें, जहां निषेध हो।
कैंची धाम और नीम करोली बाबा का आश्रम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा संगम भी है। कैंची धाम फाउंडेशन डे पर यहां का मेला और भंडारा भक्तों के लिए विशेष आकर्षण है। कैंची धाम शटल सेवा और सुगम यातायात व्यवस्था के साथ इस पवित्र स्थल तक पहुंचना आसान है। यदि आप कैंची धाम कैसे पहुंचे की जानकारी चाहते हैं, तो इस ब्लॉग में दी गई जानकारी आपकी यात्रा को सुगम बनाएगी। नीम करोली बाबा की कृपा प्राप्त करने और उनकी शिक्षाओं को जीवन में उतारने के लिए कैंची धाम की यात्रा अवश्य करें।
कैंची धाम की यह यात्रा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। अपनी यात्रा की योजना बनाएं और इस आध्यात्मिक स्थल की शांति और ऊर्जा का अनुभव करें।
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