महाकुंभ में शाही स्नान का बहुत महत्व है। माना जाता है कि इन विशेष तिथियों पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
महाकुम्भ में कुल मिलाकर 6 मुख्य स्नान होते हैं, जिन्हें शाही स्नान या अमृत स्नान भी कहा जाता है।
अंतिम स्नान का प्रतीक आखिरी शाही स्नान महाकुम्भ के समापन का प्रतीक है। इसके बाद श्रद्धालुओं की घर वापसी शुरू हो जाती है।
महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर होगा।
महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती के विवाह का उत्सव मनाया जाता है। महाकुम्भ के दौरान इस दिन संगम में स्नान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
आखिरी स्नान भी एक अत्यंत आध्यात्मिक अनुभव होता है। इस दिन संगम तट पर एक विशेष वातावरण होता है, जिसमें श्रद्धालु भक्ति और श्रद्धा से सराबोर होते हैं।