औली के आसपास इन ट्रेक को करें एक्सप्लोर

Top Hill Stations in India : ट्रैकिंग के हैं शौकीन? औली के आसपास इन ट्रेक को करें एक्सप्लोर

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औली, उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन, न सिर्फ स्कीइंग के लिए मशहूर है बल्कि ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी किसी जन्नत से कम नहीं। बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे जंगल, और हिमालय की मनमोहक चोटियां इसे ट्रैकिंग के लिए आदर्श बनाती हैं। अगर आप प्रकृति के बीच साहसिक अनुभव की तलाश में हैं, तो औली के आसपास के ये ट्रेक आपके लिए परफेक्ट हैं। इस ब्लॉग में हम आपको औली के आसपास के कुछ बेहतरीन ट्रेक, उनकी खासियत, और जरूरी टिप्स के बारे में विस्तार से बताएंगे।

1. गोरसन बुग्याल ट्रेक

कठिनाई स्तर: आसान से मध्यम
दूरी: लगभग 3-4 किमी (एक तरफ)
समय: 2-3 घंटे
ऊंचाई: 3,056 मीटर

गोरसन बुग्याल औली का सबसे लोकप्रिय और शुरुआती ट्रैकर्स के लिए बेहतरीन ट्रेक है। यह ट्रेक औली से शुरू होता है और आपको हरे-भरे घास के मैदानों और नंदा देवी, त्रिशूल, और द्रोणागिरी जैसी हिमालय की चोटियों के शानदार नजारों तक ले जाता है। रास्ते में आपको घने जंगल, रंग-बिरंगे फूल, और छोटे-छोटे झरने मिलेंगे।

खासियत:

  • सर्दियों में बर्फ से ढका बुग्याल स्कीइंग और स्नो ट्रैकिंग का मजा देता है।

  • गर्मियों में हरे-भरे मैदान और फूलों की चादर इसे फोटोग्राफी के लिए शानदार बनाती है।

  • ट्रेक का रास्ता अपेक्षाकृत आसान है, जिसे बच्चे और बुजुर्ग भी पूरा कर सकते हैं।

टिप्स:

  • आरामदायक ट्रैकिंग शूज पहनें, क्योंकि रास्ता कुछ जगहों पर फिसलन भरा हो सकता है।

  • पानी की बोतल और हल्का नाश्ता साथ रखें।

  • सूर्यास्त के समय बुग्याल की खूबसूरती और भी निखरती है, इसलिए समय का ध्यान रखें।

2. क्वारी पास ट्रेक

कठिनाई स्तर: मध्यम
दूरी: लगभग 10-12 किमी (एक तरफ)
समय: 4-5 दिन (पूरा ट्रेक)
ऊंचाई: 4,267 मीटर

क्वारी पास ट्रेक उन लोगों के लिए है जो थोड़ा लंबा और चुनौतीपूर्ण साहसिक अनुभव चाहते हैं। यह ट्रेक औली से शुरू होकर जोशीमठ, ढाक गांव, और फिर क्वारी पास तक जाता है। रास्ते में आपको घने देवदार के जंगल, छोटे-छोटे गांव, और हिमालय के मनोरम दृश्य मिलेंगे।

खासियत:

  • क्वारी पास से नंदा देवी और द्रोणागिरी चोटियों का 360-डिग्री दृश्य।

  • स्थानीय गढ़वाली संस्कृति और गांवों के जीवन को करीब से देखने का मौका।

  • रास्ते में ताली झील और खुलरारा कैंपसाइट्स की प्राकृतिक सुंदरता।

टिप्स:

  • इस ट्रेक के लिए गाइड और पोर्टर लेना बेहतर है, खासकर अगर आप पहली बार जा रहे हैं।

  • ठंड के मौसम में गर्म कपड़े और अच्छी क्वालिटी का स्लीपिंग बैग जरूरी है।

  • ट्रेक से पहले फिटनेस की तैयारी करें, क्योंकि कुछ हिस्से खड़े हैं।

3. चेनाब झील ट्रेक

कठिनाई स्तर: मध्यम से कठिन
दूरी: लगभग 8-10 किमी (एक तरफ)
समय: 2-3 दिन
ऊंचाई: 4,000 मीटर

चेनाब झील एक छिपा हुआ रत्न है, जो औली के पास कम भीड़-भाड़ वाला ट्रेक है। यह ट्रेक आपको एक शांत और अनछुई झील तक ले जाता है, जो बर्फीले पहाड़ों से घिरी हुई है। रास्ते में आपको जंगल, बुग्याल, और छोटी-छोटी धाराएं मिलेंगी।

खासियत:

  • झील का क्रिस्टल क्लियर पानी और चारों ओर बर्फीली चोटियां इसे स्वर्ग जैसा बनाती हैं।

  • ट्रेक के दौरान पक्षियों और वन्यजीवों को देखने का मौका।

  • एकांत और शांति की तलाश करने वालों के लिए आदर्श।

टिप्स:

  • इस ट्रेक के लिए अनुभवी गाइड जरूरी है, क्योंकि रास्ता कुछ जगहों पर जटिल है।

  • कैंपिंग गियर और पर्याप्त खाना साथ रखें, क्योंकि रास्ते में कोई दुकान नहीं मिलेगी।

  • बारिश के मौसम में यह ट्रेक जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए सर्दी या गर्मी में जाना बेहतर है।

4. नंदा देवी नेशनल पार्क ट्रेक

कठिनाई स्तर: कठिन
दूरी: 20-25 किमी (पूरा ट्रेक)
समय: 7-10 दिन
ऊंचाई: 4,500 मीटर तक

नंदा देवी नेशनल पार्क ट्रेक अनुभवी ट्रैकर्स के लिए एक सपना है। यह ट्रेक आपको यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, नंदा देवी सैंक्चुअरी तक ले जाता है, जहां आप दुर्लभ वनस्पतियों, जीव-जंतुओं, और हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों को देख सकते हैं।

खासियत:

  • नंदा देवी, भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी, का करीब से दृश्य।

  • हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, और अन्य दुर्लभ प्रजातियों को देखने का मौका।

  • ट्रेक के दौरान कई बुग्याल और ग्लेशियर।

टिप्स:

  • इस ट्रेक के लिए परमिट की जरूरत होती है, इसलिए पहले से औपचारिकताएं पूरी करें।

  • अच्छी फिटनेस और हाई-एल्टिट्यूड ट्रैकिंग का अनुभव जरूरी है।

  • गर्म कपड़े, हाई-क्वालिटी ट्रैकिंग गियर, और अनुभवी गाइड साथ रखें।

ट्रैकिंग के लिए जरूरी टिप्स

  1. सही समय चुनें: औली में ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छा समय मई-जून और सितंबर-नवंबर है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण कुछ ट्रेक मुश्किल हो सकते हैं।

  2. फिटनेस और तैयारी: लंबे ट्रेक के लिए पहले से फिटनेस रूटीन शुरू करें। कार्डियो और लेग स्ट्रेंथ एक्सरसाइज मददगार होती हैं।

  3. सही गियर: ट्रैकिंग शूज, रेनकोट, टॉर्च, फर्स्ट-एड किट, और पर्याप्त गर्म कपड़े साथ रखें।

  4. स्थानीय गाइड: अनजान रास्तों पर स्थानीय गाइड की मदद लें। वे न सिर्फ रास्ता दिखाएंगे बल्कि स्थानीय कहानियां भी सुनाएंगे।

  5. पर्यावरण का ध्यान: ट्रेक के दौरान प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें और कचरा वापस लाएं।

औली कैसे पहुंचें?

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (लगभग 280 किमी) है। वहां से टैक्सी या बस से औली पहुंच सकते हैं।

  • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (लगभग 250 किमी) या हरिद्वार (लगभग 275 किमी) है।

  • सड़क मार्ग: दिल्ली, देहरादून, और ऋषिकेश से औली के लिए नियमित बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।

निष्कर्ष

औली के आसपास के ट्रेक हर तरह के ट्रैकर के लिए कुछ न कुछ खास लेकर आते हैं। चाहे आप शुरुआती हों या अनुभवी, गोरसन बुग्याल की आसान राहें हों या नंदा देवी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई, हर ट्रेक आपको प्रकृति के करीब ले जाएगा। तो अपने ट्रैकिंग शूज पहनें, बैग पैक करें, और औली के इन खूबसूरत ट्रेक को एक्सप्लोर करने के लिए निकल पड़ें।